भाषा किसे कहते हैं? (Bhasha kise kahate hain)

भाषा (Language) मनुष्यों के बीच विचारों, भावनाओं और जानकारियों को व्यक्त करने का एक माध्यम है। यह ध्वनियों, शब्दों और वाक्यों के माध्यम से संचार की प्रक्रिया को संभव बनाती है। भाषा के बिना मनुष्य का सामाजिक और सांस्कृतिक विकास संभव नहीं है। भाषा के माध्यम से ही हम अपने विचारों को दूसरों तक पहुँचाते हैं और उनके विचारों को समझते हैं।
अथवा
भाषा की उत्पत्ति, विशेषता, महत्त्व, स्वरूप आदि के बारे में जानने से पहले यह समझना आवश्यक है कि भाषा क्या है। भाषा एक ऐसी प्रणाली है जो ध्वनियों, शब्दों और व्याकरण के नियमों के माध्यम से संचार को संभव बनाती है। यह मनुष्यों के बीच विचारों, भावनाओं और ज्ञान के आदान-प्रदान का सबसे प्रभावी तरीका है।
भाषा का महत्व (Importance of Language): भाषा समाज की बुनियाद होती है। यह एक व्यक्ति को अपने विचारों को स्पष्ट रूप से व्यक्त करने की अनुमति देती है। भाषा के बिना, लोग अपनी भावनाओं, जरूरतों, या इरादों को दूसरे लोगों तक पहुंचाने में असमर्थ रहते। उदाहरण के लिए, जब कोई बच्चा अपनी मां से कुछ कहना चाहता है, तो वह अपनी मातृभाषा में शब्दों का प्रयोग करता है, जिससे मां को समझ में आता है कि बच्चा क्या चाहता है।
“भाषा” शब्द की उत्पत्ति किससे हुई है? और इसका अर्थ क्या होता है?
“भाषा” शब्द संस्कृत के “भाष्” धातु से बना है, जिसका अर्थ है “बोलना” या “कहना”। इस प्रकार, भाषा का शाब्दिक अर्थ है “बोलने की क्रिया” या “व्यक्त करने का माध्यम”। भाषा के माध्यम से हम अपने विचारों, भावनाओं और ज्ञान को दूसरों के साथ साझा करते हैं।
भाषा का उद्देश्य (Purpose of Language):
भाषा के प्रमुख उपयोग और कार्य निम्नलिखित हैं:

1. संचार: भाषा का मुख्य उद्देश्य संचार है। यह विचारों, भावनाओं और जानकारियों को एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक पहुँचाने का माध्यम है।
2. ज्ञान का संरक्षण: भाषा के माध्यम से ज्ञान, इतिहास और संस्कृति को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक पहुँचाया जाता है।
3. सामाजिक संगठन: भाषा समाज को संगठित करने और सामाजिक नियमों को स्थापित करने में मदद करती है।
4. सांस्कृतिक पहचान: भाषा किसी समाज की सांस्कृतिक पहचान को बनाए रखती है।
5. शिक्षा: भाषा शिक्षा का मुख्य साधन है। इसके बिना ज्ञान का प्रसार संभव नहीं है।
उदाहरण (Examples):
- माँ–बच्चा संवाद: जब बच्चा अपनी माँ से “पानी पीना है” कहता है, तो यह भाषा का एक सरल उदाहरण है।
- अंतर्राष्ट्रीय संवाद: अंग्रेज़ी (English) को आज अंतर्राष्ट्रीय भाषा माना जाता है, जो लोगों को विभिन्न देशों के बीच संवाद में मदद करती है।
भाषा की प्रमुख विशेषताएँ कौन-कौन सी हैं?
भाषा की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:
- ध्वनि प्रणाली: भाषा ध्वनियों पर आधारित होती है। प्रत्येक भाषा की अपनी एक विशिष्ट ध्वनि प्रणाली होती है।
- शब्दावली: भाषा में शब्दों का एक विशाल भंडार होता है जो विभिन्न अर्थों को व्यक्त करता है।
- व्याकरण: भाषा का एक निश्चित व्याकरण होता है जो शब्दों और वाक्यों को सही ढंग से जोड़ता है।
- संकेत प्रणाली: भाषा एक संकेत प्रणाली है जो ध्वनियों और शब्दों के माध्यम से अर्थ को व्यक्त करती है।
- सामाजिक स्वीकृति: भाषा को समाज द्वारा स्वीकार किया जाता है और यह समाज के सदस्यों के बीच संचार का माध्यम बनती है।
भाषा (Language) के प्रमुख अंग कितने और कौन-कौन से हैं?
भाषा के प्रमुख अंग निम्नलिखित हैं:
- ध्वनि (Phonology): भाषा की ध्वनियों का अध्ययन।
- शब्द (Lexicon): भाषा में प्रयुक्त शब्दों का संग्रह।
- व्याकरण (Grammar): भाषा के नियम जो शब्दों और वाक्यों को सही ढंग से जोड़ते हैं।
- वाक्य (Syntax): वाक्यों की संरचना और उनके नियम।
- अर्थ (Semantics): शब्दों और वाक्यों के अर्थ का अध्ययन।
भाषा की परिभाषा और महत्त्व (Definition and Importance of Language)
भाषा की परिभाषा (Definition of Language): भाषा (Language) एक ऐसी प्रणाली है जिसमें शब्दों, ध्वनियों और संकेतों का प्रयोग करके विचारों, भावनाओं और जानकारी का आदान-प्रदान किया जाता है। यह एक संरचित रूप में होता है, जिसमें नियम होते हैं जो भाषायी संरचना को नियंत्रित करते हैं। भाषा केवल शब्दों का समूह नहीं है, बल्कि यह सामाजिक और सांस्कृतिक परिवेश का भी एक अहम हिस्सा है।
भाषा का महत्त्व (Importance of Language): भाषा का समाज में बहुत महत्व है। यह केवल संवाद का एक साधन नहीं है, बल्कि यह हमारी संस्कृति, परंपरा, और पहचान को भी प्रकट करता है। उदाहरण के लिए, हिंदी भाषा न केवल एक संचार का माध्यम है, बल्कि यह भारतीय समाज की सांस्कृतिक धरोहर भी है।
- संस्कृति का आदान–प्रदान (Exchange of Culture): भाषा के माध्यम से ही एक समाज अपनी सांस्कृतिक धरोहर, इतिहास और मान्यताओं को अगली पीढ़ी तक पहुंचाता है। जैसे, हिंदी भाषा में कविता, गाने, और साहित्य के माध्यम से भारतीय संस्कृति की पहचान कायम रहती है।
- शिक्षा का माध्यम (Medium of Education): भाषा शिक्षा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होती है। यह ज्ञान के आदान-प्रदान को सरल बनाती है। उदाहरण स्वरूप, स्कूलों में बच्चों को विभिन्न विषयों को समझाने के लिए शिक्षक भाषा का ही प्रयोग करते हैं।
- मानव अधिकार और स्वतंत्रता (Human Rights and Freedom): भाषा से जुड़े अधिकारों के बिना किसी व्यक्ति का स्वतंत्र रूप से विचार व्यक्त करना असंभव हो सकता है। जैसे- स्वतंत्रता संग्राम के समय भारतीय नेताओं ने अपनी विचारधारा को स्पष्ट रूप से व्यक्त करने के लिए भाषा का उपयोग किया।
उदाहरण (Examples):
- हिंदी साहित्य का योगदान: हिंदी साहित्य, जिसमें कविता, कहानी, और नाटक शामिल हैं, भारतीय समाज की सोच और संस्कृति को दर्शाता है। जैसे- “रामचरितमानस” एक प्रमुख हिंदी ग्रंथ है जो भारतीय समाज के सांस्कृतिक और धार्मिक पहलुओं को दर्शाता है।
- समाज के विकास में भाषा का महत्व: यदि किसी भाषा का सही उपयोग किया जाए, तो वह समाज की जागरूकता और विकास में सहायक हो सकता है, जैसे अंग्रेज़ी का उपयोग वैश्विक संवाद और व्यापार में होता है।
हिंदी भाषा की उत्पत्ति और विकास (Origin and Development of Hindi Language)
हिंदी भाषा की उत्पत्ति (Origin of Hindi Language): हिंदी भाषा का इतिहास भारतीय उपमहाद्वीप में बहुत पुराना है। हिंदी की उत्पत्ति संस्कृत (Sanskrit) से हुई मानी जाती है। संस्कृत से ही प्राकृत (Prakrit) और फिर अपभ्रंश (Apabhramsha) भाषाएँ विकसित हुईं, जो धीरे-धीरे हिंदी के रूप में विकसित हुईं। हिंदी की जड़ें उन भाषाओं में हैं जिनका प्रयोग प्राचीन भारत में हुआ था, जैसे ब्राह्मी और देवनागरी लिपियाँ।
हिंदी का विकास (Development of Hindi):
- प्रारंभिक हिंदी (Early Hindi): प्रारंभिक हिंदी का उद्भव 10वीं और 11वीं शताब्दी में हुआ था, जब भारतीय साहित्य में हिंदी कविता और गज़ल जैसी शैलियाँ विकसित होने लगीं। इसमें प्रमुख कवियों में कबीर, सूरदास, और मीराबाई शामिल थे।
- मध्यकालीन हिंदी (Medieval Hindi): इस समय हिंदी का प्रयोग प्रमुख रूप से धार्मिक और शाही दरबारों में होता था। हिंदी साहित्य में हिंदी काव्य और सूफी साहित्य का योगदान बढ़ा। प्रमुख कवि जैसे तुलसीदास और रसखान इस युग में लिखे गए।
- आधुनिक हिंदी (Modern Hindi): हिंदी का आधुनिक रूप 19वीं और 20वीं शताब्दी में आया। यह एक मानकीकरण की प्रक्रिया से गुजरा, जहां हिंदी को हिंदी-उर्दू के मिश्रण से शुद्ध रूप में प्रस्तुत किया गया। इसी समय में हिंदी को भारत की राष्ट्रभाषा का दर्जा मिला।
हिंदी भाषा का वैश्विक प्रभाव (Global Influence of Hindi): हिंदी भाषा केवल भारत तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह दुनिया के कई देशों में बोली जाती है। भारत के बाहर, खासकर फिजी, नेपाल, पाकिस्तान, त्रिनिदाद और टोबैगो जैसे देशों में हिंदी की महत्वपूर्ण उपस्थिति है। विश्वभर में हिंदी बोलने वालों की संख्या करोड़ों में है।
उदाहरण (Examples):
- कबीर के पद (Kabir’s Dohe): कबीर का साहित्य हिंदी साहित्य की शृंगारी और भक्ति दोनों शैलियों में महत्वपूर्ण योगदान है। उदाहरण के तौर पर, कबीर के प्रसिद्ध दोहे जैसे “दुनिया की चक्कर में, जो भागे वह क्या पाएगा?”
- तुलसीदास की “रामचरितमानस”: यह ग्रंथ हिंदी साहित्य का एक अद्वितीय उदाहरण है, जो रामकथा को हिंदी में प्रस्तुत करता है और भारतीय संस्कृति को प्रकट करता है।
भाषा और लिपि
भाषा और लिपि दोनों संचार के महत्वपूर्ण साधन हैं, लेकिन इनमें कुछ अंतर और समानताएँ हैं।
भाषा और लिपि में अंतर
- परिभाषा: भाषा ध्वनियों और शब्दों के माध्यम से संचार का साधन है, जबकि लिपि भाषा को लिखित रूप में प्रस्तुत करने का तरीका है।
- प्रकृति: भाषा मौखिक और लिखित दोनों रूपों में हो सकती है, जबकि लिपि केवल लिखित रूप में होती है।
- उद्देश्य: भाषा का उद्देश्य संचार करना है, जबकि लिपि का उद्देश्य भाषा को लिखित रूप में संरक्षित करना है।
भाषा और लिपि में समानता
- संचार का साधन: दोनों संचार के महत्वपूर्ण साधन हैं।
- सांस्कृतिक पहचान: भाषा और लिपि दोनों किसी समाज की सांस्कृतिक पहचान को दर्शाते हैं।
- विकास: दोनों का विकास समाज की आवश्यकताओं और परिस्थितियों के अनुसार हुआ है।
राष्ट्रभाषा, राज्यभाषा, राजभाषा, मातृभाषा की जानकारी
राष्ट्रभाषा किसे कहते हैं? (Rashtrabhasha Kise Kahate Hain)
राष्ट्रभाषा किसी देश की वह भाषा होती है जो पूरे राष्ट्र की एकता और पहचान को दर्शाती है। यह भाषा देश के सांस्कृतिक, सामाजिक और ऐतिहासिक महत्व को प्रतिबिंबित करती है। राष्ट्रभाषा का उद्देश्य देश के सभी नागरिकों के बीच संचार को सुगम बनाना और राष्ट्रीय एकता को मजबूत करना है। भारत में हिंदी को राष्ट्रभाषा के रूप में मान्यता प्राप्त है,राष्ट्रभाषा किसी देश की वह आधिकारिक भाषा होती है जो पूरे राष्ट्र में बोली जाती है और शिक्षा और प्रशासन में खास तौर पर प्रयोग की जाती है। यह भाषा देश की एकता और पहचान को दर्शाती है। उदाहरण के लिए, भारत में हिंदी को राष्ट्रभाषा के रूप में मान्यता प्राप्त है।
राज्यभाषा
राज्यभाषा किसी राज्य या प्रदेश की आधिकारिक भाषा होती है, जो उस राज्य के प्रशासन, शिक्षा और सरकारी कार्यों में प्रयोग की जाती है। यह भाषा उस राज्य की पहचान और संस्कृति को दर्शाती है। उदाहरण के लिए, महाराष्ट्र में मराठी राज्यभाषा है, जबकि तमिलनाडु में तमिल राज्यभाषा है। राज्यभाषा का उद्देश्य उस राज्य के लोगों के बीच संचार को सुगम बनाना और स्थानीय संस्कृति को बढ़ावा देना है।
राजभाषा
राजभाषा किसी देश की वह आधिकारिक भाषा होती है जो सरकारी कार्यों, प्रशासन और कानूनी प्रक्रियाओं में प्रयोग की जाती है। यह भाषा पूरे देश में संचार और प्रशासनिक कार्यों को सुचारू रूप से चलाने के लिए महत्वपूर्ण होती है। भारत में हिंदी और अंग्रेज़ी राजभाषा के रूप में मान्यता प्राप्त हैं। संविधान के अनुच्छेद 343 के अनुसार, हिंदी को भारत की राजभाषा घोषित किया गया है, जबकि अंग्रेज़ी को सह-राजभाषा का दर्जा दिया गया है।
मातृभाषा
मातृभाषा वह भाषा होती है जो एक व्यक्ति को अपने परिवार और समाज से विरासत में मिलती है। यह भाषा व्यक्ति की पहली भाषा होती है और उसकी सांस्कृतिक पहचान से जुड़ी होती है। मातृभाषा का महत्व इसलिए है क्योंकि यह व्यक्ति के विचारों, भावनाओं और अनुभवों को सबसे अच्छी तरह व्यक्त करती है। भारत में विविधता के कारण हर क्षेत्र की अपनी मातृभाषा है, जैसे बंगाली, तमिल, तेलुगु, मराठी आदि।
भारत की भाषाएं
1. प्राचीन भारतीय आर्य भाषा
प्राचीन भारतीय आर्य भाषा को दो भागों में बाँटा जा सकता है:
वैदिक संस्कृत: वैदिक संस्कृत भारत की सबसे प्राचीन भाषा है, जिसमें वेदों की रचना हुई। यह भाषा लगभग 1500 ईसा पूर्व से 500 ईसा पूर्व तक प्रचलित थी। वैदिक संस्कृत धार्मिक और दार्शनिक ग्रंथों की भाषा थी।
लौकिक संस्कृत (संस्कृत): लौकिक संस्कृत वैदिक संस्कृत का परिष्कृत रूप है, जो 500 ईसा पूर्व से 1000 ईस्वी तक प्रचलित थी। यह भाषा साहित्य, विज्ञान, दर्शन और कला की भाषा थी। महाकाव्यों जैसे रामायण और महाभारत की रचना इसी भाषा में हुई।
2. मध्यकालीन भारतीय आर्यभाषा
मध्यकालीन भारतीय आर्यभाषा को तीन भागों में बाँटा जा सकता है:
- पालि: पालि भाषा बौद्ध धर्म के प्रचार-प्रसार की भाषा थी। यह भाषा बुद्ध के उपदेशों और बौद्ध ग्रंथों की भाषा थी। पालि का प्रयोग मुख्य रूप से बौद्ध साहित्य में हुआ।
- प्राकृत: प्राकृत भाषा मध्यकालीन भारत की लोकभाषा थी, जो आम लोगों के बीच प्रचलित थी। यह भाषा जैन और बौद्ध साहित्य में प्रयोग की गई। प्राकृत के कई रूप थे, जैसे शौरसेनी, मागधी, और महाराष्ट्री।
- अपभ्रंश: अपभ्रंश प्राकृत का विकसित रूप था, जो 6वीं से 12वीं शताब्दी तक प्रचलित थी। यह भाषा आधुनिक भारतीय भाषाओं के विकास का आधार बनी। अपभ्रंश से ही हिंदी, गुजराती, मराठी जैसी भाषाओं का विकास हुआ।
3. आधुनिक भारतीय आर्यभाषा
आधुनिक भारतीय आर्यभाषाएँ अपभ्रंश से विकसित हुई हैं। इन भाषाओं का प्रयोग आज भारत के विभिन्न क्षेत्रों में किया जाता है। इनमें से कुछ प्रमुख भाषाएँ निम्नलिखित हैं:
- पंजाबी भाषा: पंजाबी भाषा पंजाब प्रांत की मुख्य भाषा है। यह भाषा गुरुमुखी लिपि में लिखी जाती है।
- गुजराती भाषा: गुजराती भाषा गुजरात राज्य की मुख्य भाषा है। यह भाषा देवनागरी लिपि के समान गुजराती लिपि में लिखी जाती है।
- मराठी भाषा: मराठी भाषा महाराष्ट्र राज्य की मुख्य भाषा है। यह भाषा देवनागरी लिपि में लिखी जाती है।
- बंगला भाषा: बंगला भाषा पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश की मुख्य भाषा है। यह भाषा बंगाली लिपि में लिखी जाती है।
- सिन्धी भाषा: सिन्धी भाषा सिंध प्रांत और भारत के सिन्धी समुदाय द्वारा बोली जाती है। यह भाषा अरबी-फारसी लिपि में लिखी जाती है।
- असमी भाषा: असमी भाषा असम राज्य की मुख्य भाषा है। यह भाषा असमिया लिपि में लिखी जाती है।
- उड़िया भाषा: उड़िया भाषा ओडिशा राज्य की मुख्य भाषा है। यह भाषा उड़िया लिपि में लिखी जाती है।
भारत के संविधान (Constitution Of India) कौन -कौन सी भाषाएँ शामिल हैं और इसका उल्लेख किस अनुसूची में हुवा है ?
भारत के संविधान की आठवीं अनुसूची में भारतीय भाषाओं का वर्णन है। इस अनुसूची में 22 भाषाएँ शामिल हैं, जिन्हें आधिकारिक तौर पर भाषा का दर्जा प्राप्त है (भविष्य में भारतीय संविधान में और नयी भाषाएँ शामिल हो सकती हैं )।
- असमिया
- बंगाली
- गुजराती
- हिंदी
- कन्नड़
- कश्मीरी
- कोंकणी
- मलयालम
- मणिपुरी
- मराठी
- नेपाली
- ओडिया
- पंजाबी
- संस्कृत
- सिंधी
- तमिल
- तेलुगु
- उर्दू
- बोडो
- संथाली
- मैथिली
- डोगरी
विश्व के पाँच प्राचीन भाषाओं का नाम
- संस्कृत: भारत की प्राचीन भाषा, जिसे देवभाषा भी कहा जाता है।
- लैटिन: प्राचीन रोम की भाषा, जो आधुनिक यूरोपीय भाषाओं की जननी मानी जाती है।
- ग्रीक: प्राचीन यूनान की भाषा, जो दर्शन, विज्ञान और साहित्य की भाषा थी।
- चीनी: विश्व की सबसे पुरानी लिखित भाषाओं में से एक।
- मिस्र की प्राचीन भाषा: प्राचीन मिस्र की हाइरोग्लिफिक लिपि में लिखी जाने वाली भाषा।
विश्व के पाँच सबसे बड़ी भाषाएँ कौन-कौन सी हैं?
विश्व की पाँच सबसे बड़ी भाषाएँ (मातृभाषा के रूप में बोलने वालों की संख्या के आधार पर) निम्नलिखित हैं:
- मंदारिन चीनी: विश्व में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा।
- स्पेनिश: स्पेन और लैटिन अमेरिका में व्यापक रूप से बोली जाती है।
- अंग्रेज़ी: विश्व की सबसे अधिक प्रयुक्त भाषा, जो अंतर्राष्ट्रीय संचार की मुख्य भाषा है।
- हिंदी: भारत की राष्ट्रीय भाषा और दुनिया में चौथी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा।
- अरबी: मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीका में व्यापक रूप से बोली जाती है।
संयुक्त राष्ट्रसंघ की अधिकारिक भाषाएँ (Languages) कितनी और कौन-कौन सी हैं?
संयुक्त राष्ट्रसंघ की छह अधिकारिक भाषाएँ हैं:
- अंग्रेज़ी
- फ्रेंच
- स्पेनिश
- रूसी
- चीनी
- अरबी
FAQs on Bhasha
Q1: हिंदी भाषा क्या है और इसका महत्त्व क्या है?
Ans: हिंदी भाषा एक प्राचीन और समृद्ध भाषा है जो संस्कृत से उत्पन्न हुई है। यह भारत की राजभाषा है और इसे लगभग 46 करोड़ लोग बोलते हैं। हिंदी भाषा भारतीय संस्कृति और पहचान का प्रतीक है।
Q2: हिंदी भाषा की उत्पत्ति कब और कैसे हुई?
Ans: हिंदी भाषा का विकास संस्कृत, अपभ्रंश और प्राकृत भाषाओं से हुआ। यह 10वीं शताब्दी के आसपास आधुनिक रूप में आई।
Q3: भारत की आधिकारिक भाषाएँ कौन-कौन सी हैं?
भारत के संविधान की आठवीं अनुसूची में 22 भाषाएँ शामिल हैं, जिन्हें आधिकारिक भाषा का दर्जा प्राप्त है। इनमें हिंदी, बंगाली, तमिल, तेलुगु, मराठी, गुजराती आदि शामिल हैं।
Q4: भाषा और लिपि में क्या अंतर है?
भाषा ध्वनियों और शब्दों के माध्यम से संचार का साधन है, जबकि लिपि भाषा को लिखित रूप में प्रस्तुत करने का तरीका है। उदाहरण: हिंदी भाषा देवनागरी लिपि में लिखी जाती है।
Q5: भारत में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा कौन सी है?
भारत में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा हिंदी है, जो लगभग 40% से अधिक लोगों द्वारा बोली जाती है।
Q6: भारत में कितनी भाषाएँ बोली जाती हैं?
भारत में लगभग 22 आधिकारिक भाषाएँ और 120 से अधिक मुख्य भाषाएँ बोली जाती हैं। इसके अलावा हज़ारों बोलियाँ भी प्रचलित हैं।
Q7:भारत में कौन-सी भाषा सबसे अधिक सीखी जाती है?
भारत में सबसे अधिक सीखी जाने वाली भाषा अंग्रेज़ी है, क्योंकि यह शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में महत्वपूर्ण है।
Q8:भारत में कौन-सी भाषा सबसे अधिक बोली जाने वाली दूसरी भाषा है?
भारत में सबसे अधिक बोली जाने वाली दूसरी भाषा अंग्रेज़ी है, जो शिक्षा और व्यापार में व्यापक रूप से प्रयोग की जाती है।