Sangya in Hindi (संज्ञा) – परिभाषा, भेद, उदाहरण और प्रयोग

संज्ञा किसे कहते हैं

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संज्ञा किसे कहते हैं? (Sangya in Hindi – Definition)

संज्ञा किसे कहते हैं? संज्ञा वह शब्द है जो किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान, गुण या अवस्था का नाम बताता है।

हिन्दी व्याकरण (Hindi Grammar) में संज्ञा (Sangya) एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। संज्ञा (Sangya) वह शब्द है जो किसी व्यक्ति (Person), वस्तु (Object), स्थान (Place), गुण (Quality), भाव (Emotion), या अवस्था (State) का बोध कराता है। इस लेख में हम संज्ञा की परिभाषा, भेद, उदाहरण और प्रयोग को विस्तार से समझेंगे।

संज्ञा का महत्व (Importance of Sangya)

भाषा में जिन शब्दों के माध्यम से किसी भी चीज़ को पहचाना जाता है या उसका नाम रखा जाता है, वे सभी संज्ञा कहलाते हैं। बिना संज्ञा के भाषा अधूरी होती है, क्योंकि यह उन सभी चीज़ों का नामकरण करती है जो हमारे चारों ओर होती हैं।

संज्ञा को पहचानने का तरीका (How to Identify Sangya)

  • वह शब्द जो किसी का नाम बताता हो, वह संज्ञा कहलाता है।
  • संज्ञा हमेशा सवाल “क्या?” या “कौन?” का उत्तर देती है।

संज्ञा के और उदाहरण (Sangya ke udaaharan):

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  1. व्यक्ति (Vyakti – Person):
    • महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi), नेहरू (Nehru), रवीन्द्रनाथ टैगोर (Rabindranath Tagore), अमृता प्रीतम (Amrita Pritam)।
  2. वस्तु (Vastu – Object):
    • घड़ी (Ghadi – Watch), कुर्सी (Kursi – Chair), दीवार (Deewar – Wall), किताब (Kitab – Book)।
  3. स्थान (Sthaan – Place):
    • मुंबई (Mumbai), हिमालय (Himalaya), कन्याकुमारी (Kanyakumari), ताजमहल (Taj Mahal)।
  4. गुण (Gun – Quality):
    • दया (Daya – Kindness), चतुराई (Chaturai – Cleverness), बुद्धिमत्ता (Buddhimatta – Intelligence)।
  5. भाव (Bhav – Emotion):
    • घृणा (Ghrina – Hatred), खुशी (Khushi – Happiness), आशा (Asha – Hope)।
  6. अवस्था (Avastha – State):
    • आराम (Aaram – Rest), बीमारी (Bimari – Illness), भूख (Bhukh – Hunger), प्यास (Pyaas – Thirst)।

प्रश्न और उत्तर के साथ यह बताना कि उत्तर संज्ञा क्यों हैं

  1. प्रश्न: वह क्या है जो हमें समय बताती है?
    उत्तर: घड़ी (Ghadi – Watch)।
    यह संज्ञा क्यों है?
    • घड़ी एक वस्तु का नाम है, और वस्तुओं के नाम को संज्ञा कहा जाता है।
  2. प्रश्न: भारत की राजधानी कौन सी है?
    उत्तर: दिल्ली (Delhi)।
    यह संज्ञा क्यों है?
    • दिल्ली एक स्थान का नाम है, और स्थानों के नाम को संज्ञा कहा जाता है।
  3. प्रश्न: स्कूल में पढ़ाने वाला कौन है?
    उत्तर: शिक्षक (Shikshak – Teacher)।
    यह संज्ञा क्यों है?
    • शिक्षक एक व्यक्ति का नाम है, और व्यक्तियों के नाम को संज्ञा कहा जाता है।
  4. प्रश्न: हिमालय क्या है?
    उत्तर: एक पर्वत (Parvat – Mountain)।
    यह संज्ञा क्यों है?
    • हिमालय एक विशेष स्थान का नाम है और पर्वत एक जातिवाचक नाम है। दोनों ही संज्ञा के अंतर्गत आते हैं।
  5. प्रश्न: वह कौन सी चीज़ है जो पढ़ने के काम आती है?
    उत्तर: किताब (Kitab – Book)।
    यह संज्ञा क्यों है?
    • किताब एक वस्तु का नाम है, और वस्तु के नाम को संज्ञा कहा जाता है।
  6. प्रश्न: वह कौन है जिसे ‘राष्ट्रपिता’ कहा जाता है?
    उत्तर: महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi)।
    यह संज्ञा क्यों है?
    • महात्मा गांधी एक विशेष व्यक्ति का नाम है। विशेष व्यक्तियों के नाम को व्यक्तिवाचक संज्ञा कहा जाता है।
  7. प्रश्न: पानी किसके बिना नहीं पीया जा सकता?
    उत्तर: गिलास (Gilas – Glass)।
    यह संज्ञा क्यों है?
    • गिलास एक वस्तु का नाम है, और वस्तु के नाम को संज्ञा कहा जाता है।

संज्ञा के भेद (Types of Sangya in Hindi)

हिन्दी व्याकरण (Hindi Grammar) में संज्ञा (Sangya) को उसके अर्थ और प्रयोग के आधार पर विभिन्न प्रकारों में विभाजित किया गया है। इन प्रकारों से संज्ञा के उपयोग को समझना सरल हो जाता है। संज्ञा के पाँच मुख्य प्रकार निम्नलिखित हैं:

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1. व्यक्तिवाचक संज्ञा (Vyaktivachak Sangya)

जो किसी विशेष व्यक्ति (Person), स्थान (Place) या वस्तु (Object) का नाम बताती है, वह व्यक्तिवाचक संज्ञा कहलाती है।

उदाहरण (Vyaktitvavaachak Sangya ke udaaharan)

  • व्यक्ति: राम (Ram), सीता (Sita), महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi)।
  • स्थान: दिल्ली (Delhi), हिमालय (Himalaya), गंगा (Ganga)।
  • वस्तु: ताजमहल (Taj Mahal), कुतुब मीनार (Qutub Minar)।

व्यक्तिवाचक संज्ञा को कैसे पहचाने?

  • यह हमेशा किसी एक विशेष नाम को संदर्भित करता है।
    उदाहरण:
    “राम स्कूल जा रहा है।”
    यहां राम (Ram) एक विशेष व्यक्ति का नाम है, इसलिए यह व्यक्तिवाचक संज्ञा है।

2. जातिवाचक संज्ञा (Jaativaachak sangya)

जो किसी जाति, वर्ग या समूह के सभी व्यक्तियों, वस्तुओं या स्थानों का नाम बताती है, वह जातिवाचक संज्ञा कहलाती है।

उदाहरण (Jaativaachak Sangya ke udaaharan):

  • व्यक्ति: लड़का (Ladka – Boy), महिला (Mahila – Woman), डॉक्टर (Doctor)।
  • स्थान: शहर (Shahar – City), गांव (Gaon – Village)।
  • वस्तु: किताब (Kitab – Book), पेड़ (Ped – Tree)।

जातिवाचक संज्ञा को कैसे पहचाने?

  • यह किसी विशेष नाम की जगह पूरी जाति का बोध कराता है।
    उदाहरण:
    “लड़के खेल रहे हैं।”
    यहां लड़के (Ladke) सभी लड़कों को संदर्भित करता है, इसलिए यह जातिवाचक संज्ञा है।

3. समूहवाचक संज्ञा (Samoohvaachak Sangya)

जो व्यक्तियों, वस्तुओं या स्थानों के समूह का बोध कराती है, वह समूहवाचक संज्ञा कहलाती है।

उदाहरण (Samoohvaachak Sangya ke udaaharan ):

  • व्यक्तियों का समूह: सेना (Sena – Army), टोली (Toli – Group)।
  • वस्तुओं का समूह: पुस्तकालय (Pustakalaya – Library), बगीचा (Bagicha – Garden)।
  • स्थानों का समूह: महाद्वीप (Mahadweep – Continent)।

समूहवाचक संज्ञा को कैसे पहचाने?

  • यह एक समूह को संदर्भित करता है, न कि एक व्यक्ति या वस्तु को।
    उदाहरण:
    “सेना ने विजय प्राप्त की।”
    यहां सेना (Sena) एक समूह को दर्शाता है, इसलिए यह समूहवाचक संज्ञा है।

4. द्रव्यवाचक संज्ञा (Dravyavaachak Sangya)

जो किसी पदार्थ (Substance) या द्रव्य (Material) का बोध कराती है, वह द्रव्यवाचक संज्ञा कहलाती है।

उदाहरण (Dravyavaachak Sangya ke udaaharan):

  • सोना (Sona – Gold), चांदी (Chandi – Silver), पानी (Pani – Water), दूध (Doodh – Milk)।

द्रव्यवाचक संज्ञा को कैसे पहचाने?

  • यह पदार्थों और सामग्रियों को संदर्भित करता है, जिन्हें गिना नहीं जा सकता।
    उदाहरण:
    “सोना कीमती होता है।”
    यहां सोना (Sona) एक पदार्थ है, इसलिए यह द्रव्यवाचक संज्ञा है।

5. भाववाचक संज्ञा (Bhavaavaachak Sangya)

जो किसी गुण (Quality), भाव (Emotion), या अवस्था (State) का बोध कराती है, वह भाववाचक संज्ञा कहलाती है।

उदाहरण (Bhavaavaachak Sangya ke udaaharan):

  • गुण: ईमानदारी (Emaandari – Honesty), साहस (Sahas – Courage)।
  • भाव: प्रेम (Prem – Love), क्रोध (Krodh – Anger)।
  • अवस्था: थकान (Thakaan – Fatigue), खुशी (Khushi – Happiness)।

भाववाचक संज्ञा को कैसे पहचाने?

  • यह उन चीजों का बोध कराती है जिन्हें महसूस किया जा सकता है, लेकिन देखा नहीं जा सकता।
    उदाहरण:
    “ईमानदारी सबसे बड़ा गुण है।”
    यहां ईमानदारी (Emaandari) एक गुण है, इसलिए यह भाववाचक संज्ञा है।

👉 “संज्ञा के 5 प्रकारों की तुलना तालिका | Sangya ke Bhed with Definition & Examples

हिन्दी व्याकरण में संज्ञा (Sangya) के पाँच मुख्य प्रकार होते हैं – व्यक्तिवाचक, जातिवाचक, समूहवाचक, द्रव्यवाचक और भाववाचक संज्ञा। नीचे दी गई तालिका में इन सभी प्रकारों की परिभाषा, मुख्य पहचान, उदाहरण और विशेषताएँ एक ही जगह पर दी गई हैं। यह तालिका संज्ञा के भेदों को समझने और उनके बीच का अंतर जानने में बहुत मददगार है।

प्रकारपरिभाषामुख्य पहचान / किसका उत्तर?उदाहरणनोट्स
व्यक्तिवाचक संज्ञाकिसी विशेष व्यक्ति, स्थान या वस्तु का नामकौन/क्या?” – एकदम विशेष नामराम, सीता, दिल्ली, ताजमहलहमेशा एकवचन के रूप में आता है; पहला अक्षर प्रायः बड़ा (English)
जातिवाचक संज्ञापूरी जाति/वर्ग का नाम; किसी प्रकार के सभी सदस्यों का बोधकौन/क्या?” – प्रकार/क्लासलड़का, महिला, शहर, पुस्तक, पेड़सामान्य नाम; बहुवचन बन सकता है (लड़के, पुस्तकें)
समूहवाचक संज्ञासमूह/झुंड का नामकिसका समूह?सेना, टोली, झुंड, वर्ग, पुस्तकालयएक इकाई के रूप में समूह; गिनती अक्सर एकवचन में
द्रव्यवाचक संज्ञापदार्थ/द्रव्य का नामकौन-सा पदार्थ?पानी, सोना, चांदी, दूध, तेलअपरिमेय/अगणनीय; मात्रा से माप (लीटर, किलो)
भाववाचक संज्ञागुण, भाव या अवस्था का नामक्या गुण/भाव/स्थिति?प्रेम, क्रोध, ईमानदारी, थकान, खुशीदिखती नहीं—महसूस होती है; प्रायः अमूर्त

संज्ञा के भेद – पुरानी और नई मान्यता के अनुसार (Types of Sangya Based on Old and New Perspectives)

हिन्दी व्याकरण (Hindi Grammar) में संज्ञा के भेद को समय और दृष्टिकोण के अनुसार दो भागों में विभाजित किया गया है:

  1. पुरानी मान्यता (Old Perspective)
  2. नई मान्यता (New Perspective)

1. पुरानी मान्यता के आधार पर संज्ञा के भेद (Types of Sangya in Old Perspective)

पुराने व्याकरण में संज्ञा के निम्नलिखित भेद बताए गए हैं:

  1. परम संज्ञा (Param Sangya – Absolute Noun):
    • वह संज्ञा जो अपने आप में पूर्ण और अद्वितीय हो।
      उदाहरण: ब्रह्मा (Brahma), परमात्मा (Parmatma), ईश्वर (Ishwar)।
  2. सामान्य संज्ञा (Samanya Sangya – Common Noun):
    • यह जातिवाचक संज्ञा का ही एक प्रकार है, जिसमें एक वर्ग या जाति का बोध होता है।
      उदाहरण: पेड़ (Ped – Tree), आदमी (Aadmi – Man), नदी (Nadi – River)।
  3. विशेष संज्ञा (Vishesh Sangya – Specific Noun):
    • यह व्यक्तिवाचक संज्ञा के अंतर्गत आती है, जो किसी विशेष व्यक्ति, स्थान या वस्तु का नाम बताती है।
      उदाहरण: दिल्ली (Delhi), राम (Ram), ताजमहल (Taj Mahal)।
  4. भाववाचक संज्ञा (Bhavvaachak Sangya – Abstract Noun):
    • गुण, अवस्था या भाव का बोध कराती है।
      उदाहरण: ईमानदारी (Emaandari – Honesty), साहस (Sahas – Courage)।

2. नई मान्यता के आधार पर संज्ञा के भेद (Types of Sangya in New Perspective)

नई व्याकरणिक दृष्टिकोण के अनुसार, संज्ञा को निम्नलिखित आधार पर वर्गीकृत किया गया है:

  1. नाम संज्ञा (Naam Sangya – Naming Noun):
    • वह शब्द जो किसी व्यक्ति, वस्तु या स्थान का नाम बताता है।
      उदाहरण: राहुल (Rahul), भारत (Bharat), कुर्सी (Kursi – Chair)।
  2. कार्य संज्ञा (Karya Sangya – Action Noun):
    • वह शब्द जो किसी कार्य या प्रक्रिया का बोध कराता है।
      उदाहरण: पढ़ाई (Padhai – Study), खेल (Khel – Play), यात्रा (Yatra – Travel)।
  3. स्थिति संज्ञा (Sthiti Sangya – State Noun):
    • वह शब्द जो किसी स्थिति या अवस्था का बोध कराता है।
      उदाहरण: भूख (Bhukh – Hunger), प्यास (Pyaas – Thirst), आराम (Aaram – Rest)।
  4. ध्वनिवाचक संज्ञा (Dhvaniwachak Sangya – Sound Noun):
    • वह शब्द जो ध्वनि का बोध कराता है।
      उदाहरण: घंटी (Ghanti – Bell), तालियां (Taliyaan – Claps), शोर (Shor – Noise)।
  5. मात्रा संज्ञा (Maarta Sangya – Quantity Noun):
    • वह शब्द जो मात्रा का बोध कराता है।
      उदाहरण: किलो (Kilo), लीटर (Litre), दर्जन (Darjan – Dozen)।

पुरानी और नई मान्यता में अंतर (Difference Between Old and New Perspectives):

विशेषतापुरानी मान्यतानई मान्यता
दृष्टिकोण (Perspective)परंपरागत और सीमितआधुनिक और विस्तृत
भेदों की संख्या (Types)मुख्यतः 4 प्रकारअधिक गहराई और विस्तृत वर्गीकरण
उपयोगिता (Utility)साहित्यिक और धार्मिकव्यावहारिक और भाषा के हर पहलू को कवर करती है

संज्ञा के वचन, लिंग और कारक

संज्ञा (Sangya) के बारे में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य और विशेषताएँ हैं, जो इसे समझने में सहायक होती हैं। यहाँ पर संज्ञा से जुड़े कुछ प्रमुख तथ्यों को प्रस्तुत किया गया है:

1. संज्ञा वचन (Sangya Vachan – Number of Sangya)

संज्ञा के दो प्रमुख वचन होते हैं:

  • एकवचन (Ekvachan – Singular):
    जब संज्ञा किसी एक व्यक्ति, वस्तु, स्थान, आदि को दर्शाती है, तो उसे एकवचन कहते हैं।
    उदाहरण:
    • लड़का (Ladka – Boy)
    • किताब (Kitab – Book)
  • बहुवचन (Bahuvachan – Plural):
    जब संज्ञा अधिकतम दो या दो से अधिक व्यक्तियों, वस्तुओं या स्थानों का बोध कराती है, तो उसे बहुवचन कहते हैं।
    उदाहरण:
    • लड़के (Ladke – Boys)
    • किताबें (Kitabein – Books)

संज्ञा के वचन का परिवर्तन (Changing the Number of Sangya):
संज्ञा के वचन का रूप मुख्यतः इसके अंत में बदलाव से होता है। जैसे:

  • एकवचन से बहुवचन में परिवर्तन:
    किताब (Kitab) → किताबें (Kitabein),
    बच्चा (Baccha) → बच्चे (Bachche)।

2. संज्ञा का लिंग (Gender of Sangya)

संज्ञा का लिंग यह निर्धारित करता है कि वह पुल्लिंग (Masculine) है या स्त्रीलिंग (Feminine)। कुछ संज्ञाएं दोनों लिंगों में होती हैं।
लिंग के प्रकार:

  • पुल्लिंग (Masculine): जब संज्ञा पुरुष के लिए प्रयोग होती है।
    उदाहरण: लड़का (Ladka – Boy), आदमी (Aadmi – Man)
  • स्त्रीलिंग (Feminine): जब संज्ञा महिला के लिए प्रयोग होती है।
    उदाहरण: लड़की (Ladki – Girl), महिला (Mahila – Woman)
  • नपुंसक लिंग (Neuter Gender): कुछ संज्ञाएं नपुंसक लिंग में होती हैं।
    उदाहरण: घर (Ghar – House), पानी (Pani – Water)

लिंग परिवर्तन (Gender Change):
संज्ञा के लिंग को बदलने के लिए उसके अंत में कुछ परिवर्तन होते हैं।

  • लड़का (Ladka) → लड़की (Ladki),
  • राजा (Raja) → रानी (Rani)

3. संज्ञा का कारक (Case of Sangya)

हिन्दी में संज्ञा के छह प्रमुख कारक होते हैं, जो संज्ञा की क्रिया से संबंध को दर्शाते हैं। ये हैं:

  • कर्तृ कारक (Subject Case):
    क्रिया के कर्ता को दर्शाने वाला कारक।
    उदाहरण: राम खेलता है। (राम कर्तृ है)
  • कर्म कारक (Object Case):
    क्रिया के कर्म को दर्शाने वाला कारक।
    उदाहरण: लड़का गेंद खेलता है। (गेंद कर्म है)
  • साधन कारक (Instrumental Case):
    जिस माध्यम से क्रिया होती है।
    उदाहरण: वह चम्मच से खाता है। (चम्मच साधन है)
  • संबंध कारक (Genitive Case):
    कोई चीज़ किसी और से संबंधित हो।
    उदाहरण: राम का घर (राम का संबंध घर से है)
  • संपर्क कारक (Dative Case):
    जिसे लाभ या हानि पहुँचती है।
    उदाहरण: उसे किताब दी। (किताब प्राप्तकर्ता है)
  • विशेषण कारक (Ablative Case):
    वह कारक जो स्रोत या स्थान को दर्शाता है।
    उदाहरण: मैं स्कूल से आ रहा हूँ। (स्कूल स्रोत है)

संज्ञा और सर्वनाम में अंतर

संज्ञा और सर्वनाम (Pronoun) दोनों का कार्य एक ही होता है—व्यक्ति, वस्तु या स्थान का नाम बताना। लेकिन इन दोनों में अंतर है।

  • संज्ञा (Sangya): संज्ञा एक विशेष या सामान्य नाम होता है।
    उदाहरण: राम, दिल्ली, पुस्तक
  • सर्वनाम (Sarvanaam – Pronoun): सर्वनाम किसी संज्ञा की जगह लिया जाने वाला शब्द है।
    उदाहरण: वह (Woh), यह (Yeh), वे (Ve)

संज्ञा और सर्वनाम के बीच अंतर:

  • संज्ञा एक स्थिर नाम होता है, जबकि सर्वनाम संज्ञा की जगह पर आकर वाक्य को सरल बनाता है।

संज्ञा का प्रयोग वाक्य में (Use of Sangya in Sentence)

संज्ञा का प्रयोग वाक्य में एक मुख्य तत्व के रूप में होता है। यह वाक्य का विषय, क्रिया का कर्ता, या किसी अन्य कार्य का बोध कराता है।
उदाहरण:

  • राम स्कूल जाता है।
    (राम यहाँ कर्ता (Subject) है)
  • ताजमहल भारत में स्थित है।
    (ताजमहल यहाँ स्थान (Place) का नाम है)

निष्कर्ष (Conclusion):

संज्ञा हिंदी भाषा की नींव है। इसके प्रकार, लिंग, वचन और अन्य विशेषताओं को समझना भाषा के सही उपयोग में मदद करता है। संज्ञा को सही रूप में पहचानने और प्रयोग करने से भाषा को अधिक प्रभावी और स्पष्ट बनाया जा सकता है।

संज्ञा से जुड़े सामान्य प्रश्न (FAQ on Sangya in Hindi)

प्रश्न 1. संज्ञा किसे कहते हैं? (Sangya kise kahte hain?)

संज्ञा वह शब्द होता है, जो किसी व्यक्ति, स्थान, वस्तु, गुण या अवस्था का नाम बताता है। उदाहरण के तौर पर “राम”, “दिल्ली”, “प्यार” आदि।

प्रश्न 2. संज्ञा के कितने भेद होते हैं उदाहरण सहित? (Sangya ke kitne bhed hote hain udaaharan sahit?)

संज्ञा मुख्य रूप से पाँच प्रकार की होती है:

  • व्यक्तिवाचक संज्ञा: किसी व्यक्ति का नाम (जैसे – राम, मोहन)
  • सामान्य संज्ञा: किसी जाति, समूह या प्रकार का नाम (जैसे – लड़की, आदमी)
  • भाववाचक संज्ञा: किसी भावना या एहसास का नाम (जैसे – प्यार, डर)
  • द्रव्यवाचक संज्ञा: किसी वस्तु या पदार्थ का नाम (जैसे – पानी, दूध)
  • समूहवाचक संज्ञा: किसी समूह या संग्रह का नाम (जैसे – टीम, झुंड)

प्रश्न 3. संज्ञा का प्रयोग कैसे करते हैं?

संज्ञा का प्रयोग किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान, या भावना के नाम के रूप में किया जाता है। उदाहरण:

  • “राम स्कूल जा रहा है।”
    यहां “राम” एक व्यक्तिवाचक संज्ञा है।
  • “वह खुशी से झूम रहा था।”
    यहां “खुशी” एक भाववाचक संज्ञा है।

प्रश्न 4. संज्ञा और सर्वनाम में क्या अंतर है?

संज्ञा वह शब्द है जो किसी व्यक्ति, स्थान या वस्तु का नाम बताता है, जबकि सर्वनाम वह शब्द है जो संज्ञा के स्थान पर प्रयोग किया जाता है। उदाहरण:

  • संज्ञा: “राम स्कूल जा रहा है।”
  • सर्वनाम: “वह स्कूल जा रहा है।”

प्रश्न 5. संज्ञा के उदाहरण क्या हैं (sangya ke udaaharan)?

कुछ सामान्य उदाहरण:

  • व्यक्तिवाचक संज्ञा: अमित, सिमा
  • सामान्य संज्ञा: पुस्तक, घर
  • भाववाचक संज्ञा: खुशी, दुःख
  • द्रव्यवाचक संज्ञा: तेल, नमक
  • समूहवाचक संज्ञा: समूह, कक्षा

प्रश्न 6: व्यक्तिवाचक संज्ञा क्या है? (Vyaktivaachak Sangya kya hai?)
उत्तर: जो संज्ञा किसी विशेष व्यक्ति, स्थान या वस्तु का नाम बताती है, उसे व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते हैं।

प्रश्न 7: जातिवाचक संज्ञा से क्या तात्पर्य है? (Jaativaachak Sangya se kya tatparya hai?)
उत्तर: जो संज्ञा किसी जाति या वर्ग का बोध कराती है, उसे जातिवाचक संज्ञा कहते हैं।

प्रश्न 8: भाववाचक संज्ञा को परिभाषित करें। (Bhaavvaachak Sangya ko paribhashit karein.)
उत्तर: जो संज्ञा किसी गुण, अवस्था, या भाव का बोध कराती है, उसे भाववाचक संज्ञा कहते हैं।

प्रश्न 9: समूहवाचक संज्ञा क्या होती है? (Samoohvaachak Sangya kya hoti hai?)
उत्तर: जो संज्ञा किसी समूह या झुंड का नाम बताती है, उसे समूहवाचक संज्ञा कहते हैं।

प्रश्न 10: द्रव्यवाचक संज्ञा का क्या अर्थ है? (Dravyavaachak Sangya ka kya arth hai?)
उत्तर: जो संज्ञा किसी पदार्थ या द्रव्य का नाम बताती है, उसे द्रव्यवाचक संज्ञा कहते हैं।

प्रश्न 11: “माला” किस प्रकार की संज्ञा है? (Mala kis prakar ki Sangya hai?)
उत्तर: “माला” समूहवाचक संज्ञा है।

प्रश्न 12: “सुंदरता” किस प्रकार की संज्ञा है? (Sundarta kis prakar ki Sangya hai?)
उत्तर: “सुंदरता” भाववाचक संज्ञा है।

प्रश्न 13: संज्ञा के 10 उदाहरण लिखें। (Sangya ke 10 udaharan likhein.)
उत्तर: राम, दिल्ली, किताब, खुशी, गंगा, परिवार, सोना, सेना, माला, पानी।

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