हिंदी व्याकरण में समास का सबसे रोचक और creative भेद है बहुव्रीहि समास। ‘पीतांबर’, ‘लम्बोदर’, ‘चक्रपाणि’ और ‘महाशय’ जैसे शब्द सुनने में ही कितने poetic और meaningful लगते हैं, है न? ये सभी शब्द बहुव्रीहि समास के ही उदाहरण हैं। जैसा कि हमने 【समास किसे कहते हैं?】 वाले अपने मुख्य लेख में जाना, बहुव्रीहि समास अपने hidden meaning के कारण सबसे unique भेद है।
इस लेख में, हम बहुव्रीहि समास को परिभाषा, पहचान के simple rules, और 30+ interesting examples के साथ विस्तार से समझेंगे। साथ ही, हम यह भी जानेंगे कि इसे तत्पुरुष समास से कैसे अलग करें।
बहुव्रीहि समास किसे कहते हैं? परिभाषा (Bahuvrihi Samas Definition)
बहुव्रीहि समास की परिभाषा: जिस समास में कोई भी पद प्रधान नहीं होता है बल्कि समस्तपद एक विशेषण का काम करता है और किसी नए तीसरे व्यक्ति या वस्तु की विशेषता बताता है, उसे बहुव्रीहि समास कहते हैं।
सरल भाषा में समझें (3 Key Points):
- कोई पद प्रधान नहीं: न पूर्वपद प्रधान है (जैसे अव्ययीभाव में) और न ही उत्तरपद (जैसे तत्पुरुष में)। दोनों मिलकर एक नया अर्थ बनाते हैं।
- विशेषणात्मक: बना हुआ समस्तपद हमेशा एक विशेषण (Adjective) का काम करता है।
- लक्षणा अर्थ (Hidden Meaning): इसका मतलब मूल शब्दों के direct meaning में नहीं, बल्कि एक तीसरी चीज़ को describe करने में छिपा होता है। यही इसकी सबसे बड़ी पहचान है।
उदाहरण के लिए:
‘पीतांबर‘ शब्द लें। यह ‘पीत’ (पीला) और ‘अंबर’ (वस्त्र) से मिलकर बना है। इसका सीधा मतलब ‘पीला वस्त्र’ है, लेकिन यहाँ यह किसी वस्त्र का नाम नहीं है। यह उस व्यक्ति की विशेषता बता रहा है जिसने पीले वस्त्र पहने हैं (यानी भगवान कृष्ण)। इस तरह, यह शब्द एक विशेषण बन गया है।
बहुव्रीहि समास की पहचान कैसे करें? (3 सबसे आसान नियम)
बहुव्रीहि समास को पहचानने के लिए निम्नलिखित 3 simple rules याद रखें:
- Rule 1: “जिसका/जिसकी/जिसके” टेस्ट (The Best Trick)
समस्तपद के आगे “जिसका” लगाकर देखें। अगर एक meaningful और सही वाक्य बनता है, तो它肯定是 बहुव्रीहि समास है।- Example: पीतांबर -> जिसका पीत अंबर है (भगवान कृष्ण)
- Example: लम्बोदर -> जिसका लम्ब उदर है (भगवान गणेश)
- Rule 2: समस्तपद एक विशेषण है।
बहुव्रीहि समास से बना शब्द हमेशा किसी noun (संज्ञा) की विशेषता बताता है, यानी एक विशेषण का काम करता है। - Rule 3: मूल अर्थ से अलग नया अर्थ निकलता है।
विग्रह करने पर पता चलेगा कि समस्तपद का मतलब उन दो शब्दों के direct meaning से completely different है। एक नया, symbolic meaning निकलता है।
बहुव्रीहि समास के 30+ रोचक उदाहरण (Bahuvrihi Samas Examples with Vigrah)
नीचे दी गई टेबल में बहुव्रीहि समास के 30+ रोचक उदाहरण विग्रह और उनके hidden meaning के साथ दिए गए हैं।
क्रमांक | समस्त पद | विग्रह | अर्थ (जिसका/जिसके…) |
---|---|---|---|
1. | पीतांबर | पीला है जो अंबर (वस्त्र) | जिसने पीले वस्त्र पहने हैं (श्री कृष्ण) |
2. | लम्बोदर | लम्बा है जो उदर (पेट) | जिसका पेट लम्बा/बड़ा है (श्री गणेश) |
3. | चक्रपाणि | चक्र है पाणि (हाथ) में जिसके | जिसके हाथ में चक्र है (श्री विष्णु) |
4. | महाशय | महा है शय (प्रतिष्ठा) जिसकी | जिसकी महान प्रतिष्ठा है (महान व्यक्ति) |
5. | नीलकंठ | नीला है कंठ जिसका | जिसका कंठ नीला है (शिव जी) |
6. | चतुरानन | चार हैं आनन (मुख) जिसके | जिसके चार मुख हैं (ब्रह्मा जी) |
7. | दशानन | दस हैं आनन (मुख) जिसके | जिसके दस मुख हैं (रावण) |
8. | चंद्रशेखर | चंद्र है शेखर (सिर) पर जिसके | जिसके सिर पर चंद्रमा है (शिव जी) |
9. | कमलनयन | कमल के समान नयन (आँख) जिसके | जिसकी आँखें कमल के समान हैं |
10. | सत्यवादी | सत्य बोलने वाला | जो सत्य बोलता है (विशेषण) |
11. | बुद्धिमान | बुद्धि वाला | जिसमें बुद्धि है (विशेषण) |
12. | सुंदरवन | सुन्दर है वन जो (किंतु यह एक जगह का नाम है) | जहाँ सुन्दर वन है (अपवाद) |
13. | गजानन | गज के समान आनन (मुख) जिसका | जिसका मुख हाथी के समान है (गणेश जी) |
14. | त्रिलोचन | तीन हैं लोचन (आँख) जिसके | जिसकी तीन आँखें हैं (शिव जी) |
15. | धनवान | धन वाला | जिसके पास धन है (विशेषण) |
16. | श्वेतांबर | श्वेत (सफेद) है अंबर जिसका | जिसने सफेद वस्त्र पहने हैं (जैन मुनि) |
17. | महाबली | महा बल वाला | जो बहुत बलवान है (विशेषण) |
18. | वीरवर | वीरों में वर (श्रेष्ठ) | जो वीरों में श्रेष्ठ है |
19. | किरीटी | किरीट (मुकुट) धारण करने वाला | जो मुकुट पहनता है (अर्जुन) |
20. | अनाथ | नहीं है नाथ (रक्षक) जिसका | जिसका कोई रक्षक/सहारा नहीं है (विशेषण) |
बहुव्रीहि vs तत्पुरुष समास: अंतर (Difference)
यह अंतर समझना बहुत जरूरी है क्योंकि दोनों के उदाहरण एक जैसे दिख सकते हैं।
आधार | बहुव्रीहि समास | तत्पुरुष समास |
---|---|---|
प्रधान पद | कोई भी पद प्रधान नहीं होता। दोनों मिलकर नया अर्थ बनाते हैं। | उत्तरपद प्रधान होता है। |
समस्तपद | समस्तपद एक विशेषण बनता है। | समस्तपद एक संज्ञा बनता है। |
अर्थ | मूल शब्दों से एक नया, तीसरा अर्थ निकलता है (लक्षणा)। | मूल शब्दों का सीधा और यथार्थ अर्थ निकलता है। |
पहचान | “जिसका…” लगाने पर अर्थ स्पष्ट होता है। | “का, के, की” लगाने पर अर्थ स्पष्ट होता है। |
उदाहरण | पीतांबर -> जिसका पीला अंबर है (विशेषण) | गंगाजल -> गंगा का जल (संज्ञा) |
अभ्यास प्रश्न (Practice Questions)
- निम्नलिखित शब्दों का विग्रह करके समास का भेद बताइए और “जिसका” test करके देखें:
- क) नीलकंठ
- ख) राजपुत्र
- ग) दशानन
- घ) विद्यालय
- बताइए कि नीचे दिए गए शब्द बहुव्रीहि समास के हैं या नहीं:
- क) चंद्रशेखर
- ख) प्रतिदिन
- ग) महाशय
- घ) माता-पिता
उत्तर:
- क) नीलकंठ -> नीला है कंठ जिसका (बहुव्रीहि), ख) राजपुत्र -> राजा का पुत्र (तत्पुरुष – “जिसका” test fail), ग) दशानन -> दस हैं मुख जिसके (बहुव्रीहि), घ) विद्यालय -> विद्या का आलय (तत्पुरुष)
- क) हाँ, ख) नहीं (अव्ययीभाव), ग) हाँ, घ) नहीं (द्वन्द्व)
निष्कर्ष (Conclusion)
बहुव्रीहि समास हिंदी भाषा की beauty और depth को दर्शाता है। इसे पहचानने की सबसे आसान trick है “जिसका/जिसके/जिसकी” वाला test। एक बार यह trick आपने याद कर ली, तो आप कभी भी बहुव्रीहि समास को पहचान पाएंगे।
यह समास न केवल परीक्षा के लिए, बल्कि Hindi literature और poetry को appreciate करने के लिए भी बहुत जरूरी है।
आगे पढ़ें: समास के बारे में और अधिक जानने के लिए हमारा मुख्य लेख 【समास किसे कहते हैं?】 जरूर पढ़ें। समास के सभी भेदों का अभ्यास करने के लिए 【समास विग्रह के 50 महत्वपूर्ण प्रश्न】 पर जाएँ।