हिंदी भाषा की सुंदरता और समृद्धि का एक बहुत बड़ा कारण है समास। रोज़मर्रा में हम अनेक ऐसे शब्दों का प्रयोग करते हैं जो दो अलग-अलग शब्दों के मेल से बने होते हैं, जैसे – ‘विद्यालय’, ‘पीतांबर’, ‘चौराहा’, ‘गंगाजल’ आदि। इन्हीं शब्दों को समस्तपद कहा जाता है और इनके बनने की इस प्रक्रिया को समास कहते हैं। सरल शब्दों में, समास वह प्रक्रिया है जहाँ दो या दो से अधिक शब्द आपस में मिलकर एक नया, सार्थक और संक्षिप्त शब्द बनाते हैं।
यह केवल व्याकरण का एक नियम नहीं है बल्कि भाषा को संक्षिप्त, प्रवाहमय और प्रभावशाली बनाने का एक शक्तिशाली तरीका है। इस लेख (पिलर पेज) में, हम समास की पूरी जानकारी – उसकी परिभाषा, अंग, सभी भेदों को उदाहरण सहित और विग्रह करने को विस्तार से समझेंगे।
समास की परिभाषा (Definition of Samas)
समास की परिभाषा: दो या दो से अधिक शब्दों के परस्पर मेल से जब एक नया सार्थक शब्द बनता है, तो उस प्रक्रिया को ‘समास’ और बने हुए नए शब्द को ‘समस्तपद’ कहते हैं।
उदाहरण:
- ‘रसोई के लिए घर’ –> ‘रसोईघर’
- ‘तीन लोकों का समाहार’ –> ‘त्रिलोक’
- ‘नीला है जो कमल’ –> ‘नीलकमल’
इन उदाहरणों में, ‘रसोईघर’, ‘त्रिलोक’, और ‘नीलकमल’ समस्तपद हैं और इन्हें बनाने की क्रिया समास है।
समास का शाब्दिक अर्थ ‘संक्षेप’ या ‘संक्षिप्तीकरण’ है। यह संस्कृत व्याकरण की देन है जो हिंदी में पूरी तरह से समाहित हो गई है।
समास के चार प्रमुख अंग (Parts of Samas)
किसी भी समस्तपद को बनाने और समझने के लिए उसके चार अंगों को जानना जरूरी है।
- पूर्वपद: समस्तपद में जो पहला शब्द आता है, उसे पूर्वपद कहते हैं।
- उदाहरण: ‘रसोईघर’ में ‘रसोई’ पूर्वपद है।
- उत्तरपद: समस्तपद में जो अंतिम शब्द आता है, उसे उत्तरपद कहते हैं।
- उदाहरण: ‘रसोईघर‘ में ‘घर’ उत्तरपद है।
- समास का विग्रह: समस्तपद को फिर से उसके मूल शब्दों में तोड़कर उनके बीच का संबंध स्पष्ट करने को विग्रह कहते हैं। विग्रह करने पर जो वाक्यांश बनता है, उसमें विभक्ति (कारक चिह्न) का प्रयोग होता है।
- उदाहरण: ‘रसोईघर’ का विग्रह है – ‘रसोई के लिए घर’।
- समस्तपद: विग्रह करने के बाद जो नया संक्षिप्त शब्द बनता है, उसे ही समस्तपद कहा जाता है।
- उदाहरण: ‘रसोईघर’ समस्तपद है।
समास के मुख्य भेद (Main Types of Samas in Hindi)
मुख्य रूप से समास के चार प्रकार होते हैं। इन चारों के अलग-अलग उपभेद भी होते हैं। नीचे दिया गया चार्ट इन्हें संक्षेप में दर्शाता है।
समास का नाम | सार | मुख्य पहचान | उदाहरण |
---|---|---|---|
अव्ययीभाव समास | पूर्वपद प्रधान होता है। | पूर्वपद अव्यय होता है। | यथाशक्ति (शक्ति के अनुसार) |
तत्पुरुष समास | उत्तरपद प्रधान होता है। | विग्रह करने पर कारक चिह्न आता है। | धर्मशाला (धर्म के लिए शाला) |
द्वन्द्व समास | दोनों पद प्रधान होते हैं। | ‘और’, ‘अथवा’, ‘एवं’ जोड़कर विग्रह। | माता-पिता (माता और पिता) |
बहुव्रीहि समास | कोई भी पद प्रधान नहीं होता। | विशेषणात्मक; नया अर्थ निकलता है। | पीतांबर (पीला है जो अंबर = कृष्ण) |
आइए अब इन सभी प्रकारों को विस्तार से समझते हैं।
1. अव्ययीभाव समास (Avyayibhav Samas)
इस समास में पूर्वपद (पहला शब्द) प्रधान होता है और वह अव्यय (क्रिया विशेषण) होता है। उत्तरपद गौण हो जाता है। विग्रह करने पर पूरा पद अव्यय का ही काम करता है।
पहचान: पूर्वपद अव्यय (जैसे – यथा, प्रति, आ, बे, हर, etc.) होता है।
अव्ययीभाव समास के उदाहरण:
- यथाशक्ति –> शक्ति के अनुसार
- प्रतिदिन –> दिन-दिन, हर दिन
- आजन्म –> जन्म से लेकर
- बेइज्जती –> इज्जत के बिना
- हररोज़ –> हर रोज़
नोट: अव्ययीभाव समास का विस्तार से अध्ययन करने के लिए हमारा यह लेख पढ़ें: अव्ययीभाव समास: पूरी जानकारी
2. तत्पुरुष समास (Tatpurush Samas)
इस समास में उत्तरपद प्रधान होता है। पूर्वपद और उत्तरपद के बीच कारक संबंध होता है, इसीलिए विग्रह करने पर दोनों शब्दों के बीच में कारक चिह्न (का, के, को, से, में, etc.) आता है। यह सबसे common और व्यापक समास है। इसके छह उपभेद हैं।
तत्पुरुष समास के उपभेद और उदाहरण:
- कर्म तत्पुरुष: ‘को’ विभक्ति का बोध हो।
- गंगाजल –> गंगा का जल
- यथाशक्ति –> शक्ति के अनुसार (इसका विग्रह भी ‘के अनुसार’ में आता है)
- करण तत्पुरुष: ‘से’ विभक्ति का बोध हो।
- दयाभाव –> दया से भाव
- अन्धविश्वास –> अन्धे से विश्वास
- सम्प्रदान तत्पुरुष: ‘के लिए’ विभक्ति का बोध हो।
- विद्यालय –> विद्या के लिए आलय (स्थान)
- देवालय –> देवों के लिए आलय
- अपादान तत्पुरुष: ‘से’ (अलग होने का भाव) का बोध हो।
- आत्मविश्वास –> आत्मा से विश्वास
- निस्सार –> सार से रहित
- सम्बन्ध तत्पुरुष: ‘का’, ‘की’, ‘के’ का बोध हो।
- राजपुत्र –> राजा का पुत्र
- ग्रामवासी –> ग्राम का वासी
- अधिकरण तत्पुरुष: ‘में’, ‘पर’ विभक्ति का बोध हो।
- घुड़सवार –> घोड़े पर सवार
- देशनिकाला –> देश से निकाला
नोट: तत्पुरुष समास के सभी छह भेदों को विस्तार और और अधिक उदाहरणों के साथ समझने के लिए हमारा यह विस्तृत लेख पढ़ें: तत्पुरुष समास के सभी भेद
3. द्वन्द्व समास (Dvandva Samas)
इस समास में दोनों पद प्रधान होते हैं और उन्हें जोड़ने के लिए ‘और’, ‘तथा’, ‘अथवा’, ‘या’ जैसे समुच्चयबोधक शब्दों का प्रयोग होता है। विग्रह करने पर दोनों पदों को समान महत्व मिलता है।
द्वन्द्व समास के प्रकार और उदाहरण:
- इतरेतर द्वन्द्व: दोनों पदों को जोड़ने पर बहुवचन का बोध हो।
- माता-पिता –> माता और पिता
- भाई-बहन –> भाई और बहन
- दाल-रोटी –> दाल और रोटी
- वैकल्पिक द्वन्द्व: दोनों पदों में से किसी एक को चुनने का भाव हो।
- भला-बुरा –> भला या बुरा
- अन्न-जल –> अन्न अथवा जल
- एकशेष द्वन्द्व: एक से अधिक पदों में से केवल एक शेष रह जाए।
- पाँच भाई हैं –> पंचभाई (यहाँ पाँच में से एक का बोध)
- चारों युग –> चतुर्युग
नोट: द्वन्द्व समास की पूरी जानकारी और पहचान के नियम जानने के लिए यह लेख पढ़ें: द्वन्द्व समास किसे कहते हैं?
4. बहुव्रीहि समास (Bahuvrihi Samas)
यह सबसे रोचक समास है। इसमें कोई भी पद प्रधान नहीं होता है। समस्तपद एक विशेषण का काम करता है और किसी नए तीसरे व्यक्ति/वस्तु की ओर संकेत करता है। इसका अर्थ मूल शब्दों से अलग और नया निकलता है।
पहचान: समस्तपद किसी विशेषण की तरह काम करता है और उसका लक्ष्यार्थ (निहित अर्थ) होता है।
बहुव्रीहि समास के उदाहरण:
- पीतांबर –> पीला है जो अंबर (वस्त्र) = जिसने पीले वस्त्र पहने हैं (भगवान कृष्ण)
- चक्रपाणि –> चक्र है पाणि में जिसके = जिसके हाथ में सुदर्शन चक्र है (भगवान विष्णु)
- महाशय –> महा है शय जिसकी = जिसकी महान शय्या (प्रतिष्ठा) है (महान व्यक्ति)
- लम्बोदर –> लम्बा है उदर जिसका = जिसका पेट लम्बा है (भगवान गणेश)
- चतुरानन –> चार हैं आनन जिसके = जिसके चार मुख हैं (भगवान ब्रह्मा)
नोट: बहुव्रीहि समास की सरल ट्रिक्स और और भी उदाहरणों के लिए हमारा यह लेख देखें: बहुव्रीहि समास की सम्पूर्ण जानकारी
समास विग्रह कैसे करें? (How to do Samas Vigrah)
समास विग्रह करना सीखना बहुत जरूरी है। नीचे दिए गए steps और tricks को follow करें:
- समस्तपद को पहचानें: सबसे पहले, जिस शब्द का विग्रह करना है, उसे पहचानें। क्या यह दो शब्दों से मिलकर बना है?
- पूर्वपद और उत्तरपद अलग करें: शब्द को उसके घटक शब्दों में तोड़ने का प्रयास करें। जैसे: ‘रसोईघर‘ -> ‘रसोई’ + ‘घर’
- संबंध स्थापित करें: दोनों शब्दों के बीच का संबंध ज्ञात करें। पूछें: “रसोई और घर का क्या संबंध है?” जवाब: “रसोई के लिए घर।”
- विभक्ति (कारक चिह्न) जोड़ें: संबंध के अनुसार विभक्ति जोड़ें। जैसे:
- ‘का’, ‘के’, ‘की’ (संबंध कारक) -> राजपुत्र -> राजा का पुत्र
- ‘के लिए’ (संप्रदान कारक) -> पाठशाला -> पाठ के लिए शाला
- ‘और’ (समुच्चयबोधक) -> दाल-रोटी -> दाल और रोटी
- ‘से’ (करण/अपादान कारक) -> अन्धविश्वास -> अन्धे से विश्वास
- अर्थ की जांच करें: विग्रह करने के बाद जो वाक्यांश बने, उसका अर्थ मूल समस्तपद के अर्थ से मेल खाना चाहिए।
विग्रह करने की Trick: समस्तपद के आगे “क्या” लगाकर प्रश्न पूछें। जैसे: “रसोईघर क्या है?” जवाब: “रसोई के लिए घर।” यही उसका विग्रह है।
समास और संधि में अंतर (Difference between Samas and Sandhi)
यह एक common confusion है। दोनों ही शब्द-योग की प्रक्रियाएँ हैं, लेकिन इनमें मूलभूत अंतर है।
आधार | समास (Samas) | संधि (Sandhi) |
---|---|---|
परिभाषा | दो सार्थक शब्दों का मेल। | दो वर्णों (अक्षरों) का मेल। |
परिणाम | एक नया शब्द बनता है। (जैसे- विद्यालय) | एक नया वर्ण बनता है। (जैसे- स + अ = सा) |
उद्देश्य | भाव/अर्थ का संक्षेप। | उच्चारण की सरलता। |
विग्रह | हो सकता है। समस्तपद को तोड़ा जा सकता है। | नहीं हो सकता। वर्णों को आसानी से अलग नहीं किया जा सकता। |
उदाहरण | देव + आलय = देवालय | सूर्य + उदय = सूर्योदय (य + उ = यो) |
समास और संधि के अंतर को और गहराई से समझने के लिए हमारा यह लेख पढ़ें: समास और संधि में अंतर
निष्कर्ष (Conclusion)
समास हिंदी व्याकरण का एक महत्वपूर्ण और रोचक अध्याय है। यह न केवल भाषा को संक्षिप्त और सशक्त बनाता है बल्कि साहित्यिक सौन्दर्य भी बढ़ाता है। अव्ययीभाव, तत्पुरुष, द्वन्द्व और बहुव्रीहि – इन चारों प्रमुख समासों की पहचान, विग्रह और उदाहरणों को अच्छी तरह समझकर आप न केवल परीक्षाओं में, बल्कि अपनी日常 भाषा में भी इसका प्रभावशाली उपयोग कर सकते हैं।
अभ्यास ही सफलता की कुंजी है। समास को अच्छी तरह सीखने के लिए जितना हो सके उतने उदाहरणों का अभ्यास करें और विग्रह करने की कोशिश करें।
और अधिक जानें (Learn More)
क्या आप समास के किसी विशेष भेद के बारे में और गहराई से जानना चाहते हैं? नीचे दिए गए हमारे विस्तृत लेखों को अवश्य पढ़ें:
- अव्ययीभाव समास: परिभाषा और उदाहरण
- तत्पुरुष समास के सभी 6 भेद: संपूर्ण मार्गदर्शिका
- द्वन्द्व समास की पहचान कैसे करें?
- बहुव्रीहि समास: 30+ उदाहरण सहित समझें
- समास विग्रह के 50 महत्वपूर्ण प्रश्न (Practice MCQs)